क्षतिग्रस्त नहरों की वजह से किसानों के खेतों में नही पहुंच रहा पानी
बंजर में तब्दील हुवे किसानों के खेत
डोईवाला : अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों के सामने संकटों का बादल लगा तार मंडराते नजर आ रहे है। किसान खेतों में जी तोड़ मेहनत कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है, पर उसकी मेहनत का फल ही न मिले तो उसके सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो जाता है।
ऐसा ही कुछ डोईवाला क्षेत्र के गांव बडोंवाला व कालूवाला में देखा जा सकता है। जहां क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरें किसानों की फशलों को पानी नही पहुंचा पा रही है। जिसकी वजह से अधिकांश किसानों ने खेती करना ही छोड़ दिया, ओर कुछ किसान भगवान भरोशे बंजर जमीनों में खेती तो कर रहे हैं

पर उन्हें फशल उगने का भरोषा नही है। इस क्षेत्र में सिंचाई के पानी की तो पूरी व्यवस्था है, पर टूटी हुई नहरों की वजह से पानी का रिसाव हो जाता है, जिसकी वजह से किसानों के खेतों में पानी नही पहुंच पाता, हांलांकि किसान लगातार इन नहरों को बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। पर किसानों को मायूसी के सिवा कुछ नही मिल पा रहा है।
इसके साथ ही वर्तमान में गेहूं की रोपाई का सीज़न है, और जमीन बंजर व सुखी होने की वजह से किसानों को गेहूं की रोपाई में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं ग्राम प्रधान पंकज रावत ने कहा कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में लाखों रुपए के बजट से नहरों का निर्माण किये गए है, पर छोटी नेहरे जो टूट चुकी हैं, उन पर भी ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, जिनका शीघ्र निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। ओर इन नहरों के बनने से किसानों को काफी राहत मिल सकेगी।

ग्राम पंचायत बडोंवाला के ग्राम प्रधान जयप्रकाश जोशी ने कहा कि किसान अन्नदाता है, ओर बरसात के समय से नहर का कुछ हिस्सा टूट चुका है, जिसकी वजह से किसानों के खेतों में पानी नही पहुंच पा रहा है, हालांकि इस समस्या के लिए लघु सिंचाई विभाग से नहर को बनाये जाने की मांग की गई है, अगर शीघ्र सिंचाई विभाग इस नहर को नही बनाता है तो ग्राम पंचायत द्वारा इस नहर को बनाया जायेगा।
इस दौरान बलराम सिंह नोटियाल, जेठी देवी, विजय राम ममगई, लक्ष्मण सिंह लोधी, वीआर ममगई, भगवान सिंह, जगदीश प्रसाद, जगत सिंह, रतन सिंह, वीर सिंह चौहान, हेमवती नंदन, रोशनी देवी, विजेंद्र प्रसाद कुड़ियाल, खुशीराम ममगई, प्रवीण सिंह नेगी, संजय प्रसाद सकलानी आदि किसानो ने शीघ्र नहर बनाये जाने की मांग की।